पलाश का पेड़
केसरिया
रंग के फूलों से लदा
जंगल में
आग का आभास देता
हरे पेड़ों के बीच
जंगल का राजा
दिखता
माली, ना उसके
फूलों को तोड़ता
ना माला में पिरोता
ना मंदिर में कोई
चढ़ाता
पलाश अपने में मस्त
उसे नहीं
दुःख इस बात का
हर्षोल्लास
से जीता रहता
केसरिया रंग फूलों का
जिस पर भी चढ़ता
आसानी से नहीं उतरता
निरंतर छाप अपनी
छोड़ता
सन्देश दुनिया को देता
जहां भी रहो
पहचान अपनी बनाओ
कर्मों से जाने जाओ
डा.राजेंद्र तेला,"निरंतर"
(डा. राजेंद्र तेला निरंतर पेशे से दन्त चिकित्सक हैं। कॉमन कॉज सोसाइटी, अजमेर के अध्यक्ष एवं कई अन्य संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। समाज और व्यक्तियों में व्याप्त दोहरेपन ने हमेशा से उन्हें कचोटा है । अपने विचारों, अनुभवों और जीवन को करीब से देखने से उत्पन्न मिश्रण को कलम द्वारा कागज पर उकेरने का प्रयास करते हैं। गत 1 अगस्त 2010 से लिखना प्रारंभ किया है।) उनका संपर्क सूत्र है:-
rajtelav@gmail.com
www.nirantarajmer.com
www.nirantarkahraha.blogspot.com
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