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कल कह ना सकूं
दिल की बात आज ही
कहना चाहता हूँ
रात सोऊँ सवेरे उठ
ना पाऊँ
इस तरह दुनिया से
रुखसत होना चाहता हूँ
सबको हँसते गाते
छोड़ कर जाना चाहता हूँ
जानता हूँ जब भी कोई
अपना जाता
दिल कितना रोता है
किसी अपने को
रुलाना नहीं चाहता हूँ
याद कर
आंसू ना बहाए कोई
जाने के बाद किसी को
याद नहीं आऊँ
ज़िन्दगी के सफ़र में
मिला था मुसाफिर कोई
समझ कर
भुला दिया जाऊं
दुखाया हो
दिल किसी का कभी
हुयी हो गलती कोई
तो जीते जी
माफ़ कर दिया जाऊं
जाने के बाद
दिल किसी का दुखाना
नहीं चाहता हूँ
दे नहीं सका खुशी जिन्हें
उन्हें खुश देखना
चाहता हूँ
बना ना सका अपना
जिन्हें
उन्हें अपना बनाना
चाहता हूँ
बचे वक़्त का हर लम्हा
दूसरों के लिए जीना
चाहता हूँ
कल कह ना सकूं
दिल की बात आज ही
कहना चाहता हूँ
सुकून से जाना
चाहता हूँ
डा.राजेंद्र तेला,"निरंतर"
"GULMOHAR"
H-1,Sagar Vihar
Vaishali Nagar,AJMER-305004
Mobile:09352007181
बचे वक़्त का हर लम्हा
जवाब देंहटाएंदूसरों के लिए जीना
चाहता हूँ
कल कह ना सकूं
दिल की बात आज ही
कहना चाहता हूँ
सुकून से जाना
चाहता हूँ
प्रिय तेजवानी गिरिधर जी सुन्दर प्रस्तुति...डॉ निरंतर जी की रचनाएं खूबसूरत होती हैं ...
भ्रमर ५
प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच पर पधारने के लिए आभार और स्वागत