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अपने आपको धर्मनिरपेक्ष बताने वाली कांग्रेस भले ही राजनीतिक दुर्भावनावश भारतीय जनता पार्टी को सांपद्रायिक करार दे कर बदनाम करने केलिए एडी-चोटी का जोर लगा रही है, लेकिन वस्तुस्थिति ये है कि हमारे देश के लोकतंत्र के लिए भारतीय जनता पार्टी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आइये, जरा इस पार्टी के गठन और संरचना पर एक नजर डालें। सब जानते हैं कि कांग्रेस की दमनकारी नीतियों और तानाशाही वृत्ति से देश से मुक्ति के लिए जनता पार्टी का गठन हुआ था, मगर बाद में एक विचारधारा विशेष के राजनीतिक चिंतकों व कार्यकर्ताओं ने जनता पार्टी को छोड़ कर नई पार्टी का गठन करने का निर्णय किया था। असल में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उस विचारधारा को छोडऩे को कत्तई तैयार नहीं थे, जिसके प्रणेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय थे। उनकी सोच के अनुरूप ही 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी। यही जनसंघ आपातकाल की तानाशाही को उखाड़ फैंकने के लिए नई गठित हुई जनता पार्टी में शरीक हुआ था। यह उस वक्त की जरूरत थी। जनता पार्टी सत्ता में भी आई, लेकिन गुटबाजी और समाजवादी नेता मधु लिमये द्वारा पूर्व जनसंघ के सदस्यों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ संबंधों को लेकर दोहरी सदस्यता का जो मसला उछाला, उसके चलते जनता पार्टी टूटी और भारतीय सभ्यता व संस्कृति को सर्वाधिक तरजीह देने वाली भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ। उसका मूल दर्शन था पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद। उसी के तहत राष्ट्रीयता व हिन्दुत्व की व्यापकता को आत्मसात करते हुए झूठी धर्मनिरपेक्षता पर जम कर प्रहार किए गए। भाजपा ने हिंदू शब्द को कभी संकीर्णता के दायरे में नहीं बांधा। सीधी और साफ सोच है कि हिंदू कोई धर्म नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति है। इस शब्द को दूषित करने की तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कांग्रेस ने भरसक कोशिश की है और उसका षड्यंत्र आज भी जारी है। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए भारतीय राजनीति में सिद्धांतविहीन परिवारवाद व व्यक्तिवाद को पोषित किया। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है कि जिसने वास्तविक धर्मनिपेक्षता के मूल्यों की रक्षा करते हुए आतंरिक लोकतंत्र को स्थापित किया। वस्तुत: यह दल एक विचारधारा, सिद्धांत और आस्था को केन्द्र में रख कर खड़ा हुआ और इससे जुड़े सभी कार्यकर्ता उसी विचारधारा के समर्थक होने के नाते पार्टी के साथ जुड़े, न किसी व्यक्ति या परिवार के प्रति आस्था के कारण। पिछले कुछ सालों पर नजर डालें तो कांग्रेस के बाद ऐसे अनेक दल उभर कर आए हैं, जो हैं तो कांग्रेसी के झूठे धर्मनिरपेक्षतावाद के पोषक, मगर उनकी संरचना व्यक्ति या परिवारवाद पर ही टिकी है। इनमें भाजपा अनूठी इस कारण है, क्यों कि वह केवल नैतिक मूल्यों और राष्ट्रवाद केलिए सतत प्रयत्नशील है।
पंडित दीनदयान उपाध्याय के एकात्म मानववाद को आत्मा में धारण किए हुए संविधान से धारा 370 हटाना, देश में समान नागरिक कानून लागू करना, मजहबी आधार पर तुष्टिकरण के बजाय सबको समान अधिकार और कर्तव्य देने का सिद्धांत प्रतिपादित करना, छल-बल और लालच से हिन्दुओं के मतांतरण का विरोध, गोहत्याबंदी, नवीन प्रौद्योगिकी का ग्रामीण हित में विस्तार आदि मुद्दों के लिए भाजपा पूरी तरह से समर्पित हो कर कार्य कर रही है। भारतीय राजनीतिक इतिहास में जनसंघ के नवीन अवतार के नाते भाजपा ने जितनी तीव्रता और जिस प्रभावी ढंग से अपनी पहचान बनायी है, वह विश्व के राजनीतिक इतिहास में अपना विशेष महत्व रखती है। यह ऐसा राजनीतिक आंदोलन है, जिसके बारे में आम जनता में यह विश्वास है कि वह राजनीतिक लाभ के लिए देश हित से समझौता करने को तैयार नहीं है। और उसका प्रमाण है, संघ के स्वयंसेवक से लेकर प्रधानमंत्री पद पर पहुंचे श्री अटल बिहारी वाजपेयी का वह प्रधानमंत्रित्वकाल, जिसे सभी राजनीतिक विचाररक देश की सुरक्षा, समृद्धि और टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। पोकरण-2, अमरीकी प्रतिबंधों की परवाह किए बिना स्वतंत्र राष्ट्रीय नीति का अवलम्बन, पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध, कारगिल विजय और सैनिकों का सम्मान, स्वर्णिम चतुर्भुज के रूप में राजमार्गों का विस्तार और संचार क्रांति उनकी विशेषताएं रही हैं।
भाजपा सदैव ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, बालिकाओं की शिक्षा, विदेशी खतरों के प्रति सजगता और जनजागरण, आतंकवाद के प्रति कठोर मानस पर खरी उतरी है। ऐसे यदि यह कहा जाए कि भाजपा ही इस देश की एकता और संप्रभुता के लिए वास्तविक लोकतांत्रिक पार्टी है तो उसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
-कंवल प्रकाश किशनानी,
जिला प्रचार मंत्री, शहर जिला भाजपा अजमेर
निवास-599/9, राजेन्द्रपुरा, हाथीभाटा, अजमेर
फोन-0145-2627999, मोबाइल-98290-70059 फैक्स- 0145-2622590
बंधुवर प्रणाम
जवाब देंहटाएंमेरे मन की कामना है की भारतीय जनता पार्टी २०१४ के चुनाव में पूर्ण बहुमत ले कर के आवे और एक शक्तिशाली केंद्रीय सरकार का दर्शन पूरे भारत को हो सके.
किन्तु इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को आत्ममंथन करना होगा और उसमे सम्मिलित (बहुत कम) भ्रष्ट और स्वार्थी लोगो को जितनी जल्दी हो सके दूर करना होगा और देश की जनता के सामने आदर्श विकल्प प्रस्तुत करना होगा- यदि ऐसा कर पाते हैं तो निश्चित रूप से अगला समय भारतीय जनता पार्टी का ही है और उसको ऐसा कार्य करना होगा जो भारतीय इतिहास में एक मील का पत्थर बन सके.
शुभकामनाओ सहित
स्वतंत्र शर्मा