शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

सुहाग मेरा निरंतर,सलामत रहे

सुहाग मेरा निरंतर,सलामत रहे,बस इतना ही चाहती हूँ
कब
तक छुपोगे
बादलों से निकलोगे
चांदनी फैलाओगे
मुखड़ा दिखाओगे
दर्शन मुझे दोगे
भूखी प्यासी बैठी हूँ
तुम में पीया को देखती हूँ
उसे ढूंढती हूँ
व्रत करवा चौथ का रख
लम्बी उम्र की दुआ
मांगती हूँ
सुहाग मेरा निरंतर
सलामत रहे
बस इतना ही
चाहती हूँ
डा.राजेंद्र तेला,"निरंतर"
"GULMOHAR"
H-1,Sagar Vihar
Vaishali Nagar,AJMER-305004
Mobile:09352007181

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