शनिवार, 7 मई 2011

एक विचार

जब अमेरिका अपने कमांडो को दूसरे देश पाकिस्तान में भेजकर अपने देश को, अपने देश के नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वाले आतंकवादी सरगना ओसामा बिन लादेन को मार सकता है तो क्या भारत जिसने अपने देश में आतंकवादी गतिविधि करने वाले अजमल कसाब को रंगे हाथों पकड़ा था, का कुछ नहीं कर सकता। क्यों उसे गोद में बैठा कर पाल रहा है? क्यों उसके ऊपर इतना पैसा खर्च किया जा रहा है? माना कि भारत गांधीवादी विचारों वाला देश है कि यदि कोई तुम्हारे एक गाल पर चांटा मारे तो दूसरा गाल उसके आगे कर दो। इस हिसाब से तो कसाब जब अपने साथियों के साथ बेगुनाह लोगों की हत्या कर रहा था, तब होटल के बाहर से कुछ और बेगुनाह लोगों को उनके सामने पेश कर दिया जाना चाहिए था कि लो भई! हमारे इन्हें भी मार लो, हम तो गांधीवादी विचारधारा के हैं। इस तरह के विचार अपनी जगह हैं और गुनाहगार को सही समय पर सही सजा देना अपनी जगह है। वहीं दूसरी ओर कसाब की स्थिति देखकर नरक में बैठा ओसामा सोच रहा होगा कि काश! मैं भी भारत में छुपता तो पकड़ में नहीं आता और अगर पकड़ में आ भी जाता तो कसाब की तरह ऐश करता और अभी भी जिन्दा रहता। मुझे सजा नहीं मिलती, केवल तारीख मिलती।
-प्रवीण कुमार, कम्प्यूटर शिक्षक

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